दरअसल, जब से समाजवादी पार्टी मुखिया की कमान अखिलेश यादव के हाथों आई है, तब से सपा में शिवपाल की पूछ परख कम हो गई है। इस दौरान उन्होंने अपनी पार्टी के 20 विधायकों की सदस्यता रद् करने के फैसले पर भी अफसोस जताया। हालांकि राष्ट्रपति के फैसले पर टिप्पणी नहीं की।