यहां जयपुर साहित्य उत्सव में उन्होंने कहा, यह विचार कि धर्म को राष्ट्रवाद का निर्धारक होना चाहिए, यह पाकिस्तान का विचार है। भारत का विचार है कि सभी के लिए एक राष्ट्र होगा और धर्म इसका आधार नहीं होगा। अब हम भारत में पाकिस्तान के विचार की तस्करी के लिए एक दृढ़ प्रयास देख रहे हैं।
उन्होंने कहा, आगामी चुनाव भारत की आत्मा के लिए लड़ाई होगी क्योंकि हमने देखा है कि सत्तारूढ़ दल के नजदीकी लोगों द्वारा अलग तरह के भारत की वकालत की जा रही है जो देश के मौलिक विचार से एकदम अलग है। थरूर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि वह अपने वादों को पूरा करने में विफल रहे हैं।
उन्होंने कहा, मोदी को लेकर मूल में ही विरोधाभास है। वह सभी तरह की उदारवादी घोषणा करते हैं, लेकिन देशभर में वह स्वयं के राजनीतिक समर्थन और चुनावी व्यवहार्यता के लिए वह समाज के सबसे अनुदार तत्वों का सहारा लेते हैं। थरूर ने कहा कि मोदी ‘अधिकतम शासन और न्यूनतम सरकार’ के बारे में बात करते हैं लेकिन देश को जो न्यूनतम सरकार मिली है, वह प्रधानमंत्री और प्रधानमंत्री कार्यालय की है और इसके अलावा सब कुछ ‘अप्रासंगिक’ हो गया है।