अमेरिका में अपराध के लिए दोषी ठहराई गईं और जेल में सजा काट चुकी 70 वर्षीय शीला ने स्टार्टअप उद्यमियों के वार्षिक सम्मेलन टियोकॉन को संबोधित करते हुए यह बात कही। शीला वृत्तचित्र 'वाइल्ड वाइल्ड कंट्री' के साथ लौटीं जिसमें दिखाया है कि रजनीश द्वारा अमेरिका के ओरेगन में स्थापित महत्वाकांक्षी 'रजनीशपुरम' कैसे असफल हुआ।
मूल रूप से वडोदरा के गुजरात की रहने वालीं शीला ने बताया कि उन्होंने कभी भी ध्यान नहीं लगाया और एक बार निजी मुलाकात में ओशो ने कहा था कि उन्हें ध्यान लगाने की जरूरत नहीं है, क्योंकि उनका काम ही ध्यान है।
शीला ने बताया कि अमेरिका में जेल की दीवार पर पेंटिंग कर उन्होंने 1,50,000 डॉलर कमाए और 1980 में जेल प्रशासन ने सजा कम करने में मदद की।