आखिर क्यों हो रही मप्र में जनप्रतिनिधियों की मौतें, क्या है राज..?

शुक्रवार, 10 जून 2016 (18:46 IST)
- कीर्ति राजेश चौरसिया
 
भोपाल। मध्यप्रदेश में भारतीय जनता पार्टी अपने सांसदों और विधायकों की मौत की खबरों से हैरान परेशान है। पार्टी को समझ में नहीं आ रहा है कि इतनी बड़ी संख्या में उसके जन प्रतिनिधि अचानक काल कलवित क्यों हो रहे हैं। पिछले 26 माह में भाजपा के दो आदिवासी सांसद और पांच विधायक मौत के मुंह में जा चुके हैं।
 
सूत्रों की मानें तो पार्टी अपने विधायकों और सांसदों के लंबे जीवन के लिए ज्योतिषियों की सलाह ले सकती है और जीवनरक्षक यज्ञ करवा सकती है।
 
भारतीय जनता पार्टी का प्रदेश और शीर्ष नेतृत्व इस बात से हैरान है कि मध्यप्रदेश में पिछले 26 माह में प्रदेश में जितने भी सांसद और विधायकों का निधन हुआ, वे सभी भारतीय जनता पार्टी के हैं। 
 
गुरुवार को नेपानगर के भाजपा विधायक राजेन्द्र सिंह (दादू) की मौत ने भाजपा को झकझोर कर रख दिया है।
 
 अब पार्टी में अटकलें शुरू हो गई हैं कि इतनी बड़ी संख्या में जन प्रतिनिधियों की मौत के पीछे कोई क्या कारण है। कहीं कोई ज्योतिष या वास्तु दोष तो नहीं है? 
 
 
 
नाम न छापने की शर्त पर भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि पार्टी की मीटिंग में वे इस मुद्दे पर चर्चा करेंगे और सुझाव देंगे कि जनप्रतिनिधियों की मौत के पीछे वास्तु दोष या ज्योतिष संबंधी कोई कमी नहीं है।
 
इन सांसदों की हुई मौत
 
 
1. दिलीप सिंह भूरिया (झाबुआ) 24 जून 2015
 
 
2 दलपत सिहं परस्ते (शहडोल) 1 जून 2016
 
 
 
 
इन विधायक की हुई मौत
1. प्रभात पांडे (बोहरीबंद) 12 अप्रैल 2014
 
 
2  राजेश यादव (गरोठ) 27 मार्च 2015
 
 
3. तुकोजीराव पंवार (देवास) 19 जून 2015
 
 
4. सज्जन सिंह उईके (घोड़ाडोंगरी) 19 मार्च 2016
 
 
5. राजेन्द्र सिंह दादू (नेपानगर) 9 जून 2016
 

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