जानकर ने कहा कि केंद्रीय कानून में जरूरी संशोधनों के बिना कानूनी रूप से बैलगाड़ी दौड़ का आयोजन संभव नहीं था। संशोधन के अनुसार संबंधित जिला कलेक्टर की पूर्वानुमति के बाद बैलगाड़ी दौड़ का आयोजन किया जा सकता है, हालांकि उनको आश्वस्त करना होगा कि इससे पशु को किसी प्रकार का दर्द या परेशानी नहीं होगी। कानून का उल्लंघन करने वालों पर 5 लाख रुपए तक का जुर्माना या 3 वर्ष तक की जेल की सजा दी जा सकती है। (भाषा)