शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने पिछले साल 28 नवंबर को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। इस दौरान उनके साथ छह मंत्रियों ने भी शपथ ली थी। शिवसेना, राकांपा और कांग्रेस से दो-दो मंत्री शामिल थे और बाद में मंत्रिमंडल का विस्तार किया गया था।
विपक्षी पार्टी भाजपा ने तीनों अलग-अलग विचारधाराओं वाली पार्टी द्वारा सरकार गठन करने पर स्थिरता को लेकर सवाल किए थे। भाजपा का कहना था कि यह सरकार कुछ ही समय तक चल पाएगी। इसका हवाला देते हुए राज्य के अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री और राकांपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता नवाब मलिक ने कहा कि सरकार ने छह महीने पूरे कर लिए हैं और यह स्थिर तथा मजबूत है।
मलिक ने कहा कि इस सरकार का गठन ‘साझा न्यूनतम कार्यक्रम’ के तहत हुआ जिसका मसौदा तीनों पार्टियों ने तैयार किया था और तीनो पार्टियां एकजुट होकर काम कर रही हैं। उन्होंने कहा, सरकार फिलहाल कोविड-19 के खतरे से लड़ रही है।
हम इससे उबरेंगे और सरकार सही तरह से चलाएंगे।लंबे समय से भाजपा की सहयोगी रही शिवसेना ने इसका दामन छोड़ते हुए विरोधी राकांपा और कांग्रेस के साथ मिलकर पिछले साल सरकार का गठन कर लिया था। शिवसेना के पास 56 , राकांपा के पास 54 तथा कांग्रेस के पास 44 विधायक हैं।(भाषा)