सिंह के मुताबिक पहले पोस्टमार्टम पुलिस लाइन्स के अस्पताल परिसर में होता था। अब यह काम जिला अस्पताल के पास हो रहा है। पुलिस लाइन अस्पताल परिसर में पोस्टमार्टम होने के समय करीब 400 शवों के विभिन्न अंग संरक्षित किए गए थे। ये कंकाल उन्हीं अंगों के प्रतीत होते हैं।