उन्होंने कहा कि मरीज की सर्जरी के दौरान उसके पेट का बीच का और निचला हिस्सा किसी खुली किताब की तरह लग रहा था और बहुत सारा खाना तथा गंदा द्रव्य उदर गुहा में भर गया था। चिकित्सकों ने पेट के निचले हिस्से को निकालकर शेष हिस्से को कृत्रिम रूप से छोटी आंत से जोड़ दिया। मरीज को तीन दिन तक वेंटिलेटर पर रखा गया और बाद में उसे छुट्टी दे दी गई। चिकित्सक ने बताया कि अब मरीज की हालत काफी बेहतर है।
गुरग्राम पुलिस के एसीपी-पीआरओ मनीष सहगल ने कहा, 'हम पब की पहचान करने और अस्पताल प्रशासन से मरीज का विवरण प्राप्त करने का प्रयास कर रहे हैं।' उन्होंने कहा, 'अगर पब के स्टाफ ने तरल नाइट्रोजन में सोडा मिला हुआ कॉकटेल ऑफर किया है तो वास्तव में यह बेहद गंभीर मामला है।' तरल नाइट्रोजन का इस्तेमाल ग्लास को तत्काल ठंडा करने या पेय पदार्थ में झाग उठाने के लिए किया जाता है। (भाषा)