मायावती ने सोमवार को यहां एक बयान में कहा कि केंद्र की भाजपा गठबंधन सरकार की अधिकांश मामलों में गलत नीतियों तथा कार्यशैली एवं सांप्रदायिक मानसिकता से त्रस्त होकर बिहार की जनता ने वहां हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा गठबंधन को सत्ता में आने से रोकने के लिए नीतीश कुमार और लालू यादव की पार्टी के महागठबंधन को ही अपना अधिकांश एकतरफा वोट दे दिया है जिसकी वजह से बसपा अपने उम्मीदवारों को जिताने में सफल नहीं हो सकी।
हालांकि बसपा प्रमुख ने भाजपा और सपा पर बिहार विधानसभा चुनाव में आपसी साठगांठ का आरोप लगाते हुए कहा कि बिहार चुनाव के इन नतीजों ने उत्तरप्रदेश में भी भाजपा और सपा की हालत खराब कर दी है। अब बसपा को पूरा भरोसा हो गया है कि वर्ष 2017 में उत्तरप्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव में बसपा को कोई भी ताकत सत्ता में आने से नहीं रोक सकती।
मायावती ने कहा कि बिहार में दो गठबंधनों की सीधी टक्कर होने और भाजपा गठबंधन की सीटें बहुत कम होने की वजह से बसपा को इसका काफी नुकसान उठाना पड़ा है, लेकिन फिर भी बसपा को इस बात का संतोष है कि बिहार की सत्ता पर गरीब, दलित, आदिवासी एवं धार्मिक अल्पसंख्यक विरोधी तथा सांप्रदायिक एवं पूंजीवादी शक्तियां काबिज नहीं हो सकीं। (भाषा)