प्रवक्ता ने बताया कि लोकतंत्र सेनानियों की सम्मान राशि में बढ़ोत्तरी से सरकारी खजाने पर प्रतिवर्ष लगभग 35 करोड़ 35 लाख 80 हजार रुपए का अतिरिक्त व्ययभार आने का अनुमान है। यह धनराशि 25 जून 1975 को लागू किए गए आपातकाल के दौरान उसके खिलाफ संघर्ष करने वाले ‘लोकतंत्र सेनानियों’को दी जाती है। (भाषा)