विधायकों ने 23 मार्च की घटना की ओर इशारा करते हुए दावा किया कि वे डर हुए हैं, क्योंकि यह सरकार उन्हें अचानक से पिटवा सकती है। गौरतलब है कि 23 मार्च को पुलिस बल को कथित तौर पर बगैर वारंट की गिरफ्तारी की शक्ति देने वाला एक विधेयक सदन में पेश करने के बाद अभूतपूर्व स्थित देखने को मिली थी। उस दिन विधानसभा अध्यक्ष के कक्ष का घेराव करने वाले विपक्ष के विधायकों को हटाने के लिए सदन में पुलिस बुलानी पड़ी थी।
राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के विधायक और पार्टी की प्रदेश इकाई के मुख्य प्रवक्ता भाई वीरेंद्र ने पत्रकारों से कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा माफी मांगे जाने से कम कुछ मंजूर नहीं है। हमारे नेता तेजस्वी यादव सदन में इस आशय का प्रस्ताव लाने जा रहे हैं। सदन में यादव और उनकी पार्टी के विधायक काला मास्क लगाए हुए थे जबकि जहांनाबाद जिले के मखदूमपुर से विधायक सतीश कुमार ने काला हेलमेट उतारने से मना करके सबको हैरान कर दिया।
बहरहाल, पुलिस कार्रवाई में कई विधायकों को चोटें आई थीं और कुछ महिला विधायकों को दुर्व्यवहार का सामना करना पड़ा था जिससे विपक्ष खफा है। ज्यादती करने को लेकर दो पुलिस कर्मियों को निलंबित कर दिया गया। विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने कार्रवाई को 'ढकोसला' बताया और कहा है कि उस घटना के लिए मुट्ठी भर लोगों को बलि का बकरा' बनाया जा रहा है जिसमें कुछ वरिष्ठ अधिकारी और सत्तारूढ़ दल के विधायकों समेत कई अन्य शामिल हैं। सदन की कार्यवाही कुछ दिवंगत लोगों को श्रद्धांजलि देने के बाद मंगलवार तक के लिए स्थगित कर दी गई है। 5 दिवसीय सत्र 30 जुलाई तक चलेगा।(भाषा)