Alimony for pet dogs with wife in Mumbai: मुंबई की एक अदालत ने घरेलू हिंसा के एक मामले में कहा कि पालतू पशु लोगों को स्वस्थ जीवन जीने में मदद करते हैं और रिश्तों में तकरार के कारण होने वाली भावनात्मक कमी को दूर करते हैं। इस मामले में एक महिला ने अलग रह रहे अपने पति से गुजारा भत्ता मांगते हुए कहा है कि उसे स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हैं तथा तीन पालतू कुत्ते भी उस पर निर्भर हैं।
मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट (बांद्रा अदालत) कोमल सिंह राजपूत ने 20 जून को दिए अंतरिम आदेश में व्यक्ति को अलग रह रही अपनी 55 वर्षीय पत्नी को हर महीने 50,000 रुपए गुजारा भत्ता देने का निर्देश दिया और उसकी यह दलील खारिज कर दी कि पालतू कुत्तों के लिए गुजारा भत्ता नहीं दिया जा सकता। इस मामले में विस्तृत आदेश हाल ही में उपलब्ध हुआ है।
पालतू पशु सभ्य जीवनशैली का हिस्सा : मजिस्ट्रेट ने कहा कि मैं इन दलीलों से सहमत नहीं हूं। पालतू पशु भी एक सभ्य जीवनशैली का अभिन्न हिस्सा हैं। मनुष्य के स्वस्थ जीवन के लिए पालतू पशु आवश्यक हैं क्योंकि वे रिश्तों के टूटने से हुई भावनात्मक कमी को दूर करते हैं। अदालत ने कहा कि इसलिए गुजारा भत्ते की राशि कम करने का यह आधार नहीं हो सकता।
वादा नहीं निभाया : याचिका के अनुसार, उसने अपनी पत्नी को गुजारा भत्ता देने तथा अन्य मूलभूत आवश्यकताएं पूरी करने का आश्वासन दिया था लेकिन यह वादा निभाया नहीं। शादीशुदा जिंदगी के दौरान उसने कई बार घरेलू हिंसा की।