पारसेकर ने इस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, 'मुझे नहीं लगता कि इसे शामिल किया गया है। इसे सूची में शामिल नहीं किया जा सकता। यह राष्ट्रीय पक्षी है।' उन्होंने कहा कि कुछ ग्रामीण इलाकों में बड़े स्तर पर मोर के उपद्रव मचाने की शिकायतें मिली हैं, लेकिन यह पक्षी फसल कटाई के बाद केवल अनाज खाने आता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह फसल को नष्ट नहीं करता। हालांकि कुछ शिकायतें मिली हैं, हम इनसे निपटने के उपाय अपना सकते हैं। सरकार ने हिंसक जीवों के रूप में शामिल किए जाने वाले जीवों की सूची जांच के लिए मुख्य सचिव को सौंप दी है।