ईडी ने सुनवाई के दौरान माना कि उसकी पिछली रिमांड याचिका में गलती थी। इसमें आरोप लगाया गया था कि मलिक ने इब्राहिम की बहन दिवंगत हसीना पारकर को 55 लाख रुपए का भुगतान किया था और इसे 5 लाख रुपए के रूप में पढ़ा जाना चाहिए। मलिक को दक्षिण मुंबई स्थित ईडी के कार्यालय में लगभग 5 घंटे तक चली पूछताछ के बाद गत 23 फरवरी को गिरफ्तार किया गया था।
उनकी शुरुआती हिरासत अवधि खत्म होने के बाद गुरुवार को उन्हें न्यायाधीश आरएन रोकाडे की विशेष अदालत के समक्ष पेश किया गया था। उसकी और हिरासत का अनुरेध करते हुए, ईडी ने अदालत को बताया कि मलिक ने उपनगरीय कुर्ला में एक अन्य संपत्ति पर कथित रूप से अवैध रूप से कब्जा कर लिया था।
देसाई ने कहा कि आप (ईडी) उन्हें गिरफ्तार करने में जल्दबाजी न करें। अपना दिमाग लगाओ … अपना होमवर्क करो। मलिक की रिमांड 6 दिन बढ़ाने पर जोर देते हुए ईडी ने कहा कि अदालत ने शुरुआत में ईडी को तीन मार्च तक के लिए मंत्री की हिरासत दी थी, लेकिन उन्हें 25 से 28 फरवरी के बीच इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया था और इस अवधि के दौरान उनसे पूछताछ नहीं की जा सकती थी।
अदालत ने कहा कि मलिक कुछ दिनों से अस्पताल में थे और नए तथ्य सामने आए हैं, इसलिए आरोपी को आगे की हिरासत में भेजा जा रहा है। ईडी का मामला दाऊद इब्राहिम और अन्य के खिलाफ हाल में राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) द्वारा दर्ज प्राथमिकी पर आधारित है। एनआईए ने गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) की धाराओं के तहत आपराधिक शिकायत दर्ज की थी।