हालांकि उन्होंने अपने बयान में सियासी चुटकी ली है, लेकिन सियासी गलियारों में यह चर्चाएं हो रही हैं कि उनके बयान में किसकी ओर इशारा था। एक कार्यक्रम में सियासी चुटकी लेते हुए गडकरी ने कहा कि परेशान हर कोई है। विधायक इसलिए दुखी हैं क्योंकि वो मंत्री नहीं बन पाए। मंत्री इसलिए दुखी हैं कि उन्हें अच्छा विभाग नहीं मिला और मुख्यमंत्री इसलिए दुखी हैं क्योंकि वो कब चले जाएंगे इसका भरोसा नहीं है।
उनका यह वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है। राजस्थान विधानसभा में एक सेमिनार को संबोधित करते हुए नितिन गडकरी ने कहा कि विधायक इसलिए दुखी हैं कि वे मंत्री नहीं बन पाए… मंत्री इसलिए दुखी थे कि उन्हें अच्छा विभाग नहीं मिला… जिनको अच्छा विभाग मिला, वे इसलिए दुखी थे कि मुख्यमंत्री नहीं बन पाए…और जो मुख्यमंत्री बन पाए, वो इसलिए दुखी हैं, क्योंकि कब रहेंगे और कब जाएंगे, इसका भरोसा नहीं है। नितिन गडकरी की इस बयान के बाद यहां मौजूद लोगों ने जमकर ठहाके लगाए।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि जाने-माने व्यंग्यकार शरद जोशी ने लिखा था कि जो राज्यों में काम के नहीं थे, उन्हें दिल्ली भेज दिया। जो दिल्ली में काम के न थे, उन्हें राज्यपाल बना दिया और जो वहां भी काम के नहीं थे उन्हें एंबेसडर बना दिया। उन्होंने कहा कि बीजेपी अध्यक्ष रहते मुझे ऐसा कोई नहीं मिला, जो दुखी न हो।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि राजनीति सामाजिक व राजनीतिक बदलाव का प्रभावी उपकरण है। इसलिए लोकतंत्र के माध्यम से समाज के सबसे आखिरी पायदान पर खड़े व्यक्ति के जीवन को टिकाऊ बनाना, सामाजिक, आर्थिक परिवर्तन लाना तथा उसी से समाज एवं राष्ट्र का निर्माण करना ही लोकतंत्र का मकसद है। उन्होंने कहा कि राजनीति का अर्थ क्या है इन बातों पर हम सभी को पुनर्विचार करना होगा और लोकतंत्र की भावना को समझना होगा। उन्होंने कहा कि समाज सेवा राजनीति का एक हिस्सा है, लेकिन आजकल सौभाग्य या दुर्भाग्य से हम राजनीति का अर्थ केवल सत्ताकरण समझते हैं।
सोशल मीडिया पर यह वीडियो इसलिए और वायरल हो रहा है, क्योंकि गडकरी का यह बयान तब आया है, जब हाल ही में गुजरात में विजय रुपाणी की जगह अचानक से भूपेंद्र पटेल को मुख्यमंत्री बना दिया गया। भाजपा नेतृत्व ने विजय रुपाणी को मुख्यमंत्री पद से हटाया है और भूपेंद्र पटेल को उनकी जगह बनाया गया है। इससे पहले उत्तराखंड और कर्नाटक के मुख्यमंत्रियों को भी हटाया जा चुका है।