श्रीनगर। पूर्व केन्द्रीय वित्तमंत्री यशवंत सिन्हा के नेतृत्व वाले 'कंसर्न्ड सिटिजनस ग्रुप' द्वारा जारी एक रिपोर्ट में कहा गया है कि ऐसा प्रतीत होता है कि कश्मीर में हालात सामान्य हो गए हैं, लेकिन लोग अभी भी जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त करने के केन्द्र के 2019 के फैसले को स्वीकार नहीं कर पा रहे हैं।
समूह ने एक बयान में कहा, कंसर्न्ड सिटिजनस ग्रुप (सीसीजी) ने सिविल सोसायटी समूहों के सभी तबकों के प्रतिनिधियों, उद्योगपतियों/व्यावसायियों, नेताओं, जिला विकास परिषद के नव-निर्वाचित सदस्यों, मानवाधिकार कार्यकर्ताओं, कश्मीरी पंडितों के प्रतिनिधियों, शिया नेताओं और नेताओं, खासतौर से पांच अगस्त, 2019 के बाद जेल भेजे गए और फिर रिहा किए गए नेताओं से भेंट की।
रिपोर्ट में कहा गया है, जब हालात के सामान्य होने के बारे में पूछा जाता है तो लोग कहते हैं, दो साल के लॉकडाउन के बाद भी जीवन तो चलना ही है। उनका दावा है कि उन्हें जिंदगी चलाने के लिए काम करना ही है और अपने बच्चों के भविष्य के बारे में सोचना है।
उसमें कहा गया है, पत्रकारिता का तो एक तरह से अपराधीकरण कर दिया गया है। सिविल सोसायटी के प्रदर्शनों को अनुमति नहीं है। राजनीतिक दलों को रैलियां करने की अनुमति है। पुलिस पत्रकारों और आम लोगों को तलब करने से नहीं हिचकिचाती है और जन सुरक्षा कानून के तहत उन्हें हिरासत में भेजने से कोई गुरेज नहीं करती।(भाषा)