दहशत के मारे कई ग्रामीण निकटवर्ती जंगलों की ओर भाग गए, जहां उन्होंने गुफाओं में शरण ली और लालटेन के सहारे रात बिताई। चमोली के जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी एनके जोशी ने कहा कि ग्रामीणों की मदद के लिए राष्ट्रीय आपदामोचन बल की टीमों को गांवों में भेज दिया गया है।
बाढ़ में जहां रैंणी में स्थित ऋषिगंगा पनबिजली परियोजना पूरी तरह ध्वस्त हो गई थी वहीं तपोवन क्षेत्र में स्थित एनटीपीसी की तपोवन-विष्णुगाड परियोजना को भारी नुकसान पहुंचा था। बाढ़ में 200 से ज्यादा लोग लापता हो गए थे जिनकी तलाश के लिए चलाए गए अभियान के बाद अब तक 80 शव और 35 मानव अंग बरामद हुए हैं।(भाषा)