राजस्थान का बजट : CM अशोक गहलोत ने पढ़ दिया पुराना बजट, गलती होने पर मांगी माफी

शुक्रवार, 10 फ़रवरी 2023 (12:00 IST)
जयपुर। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने वित्त वर्ष 2023-24 के लिए शुक्रवार को राजस्थान विधानसभा में बजट पेश किया। बजट भाषण के दौरान विपक्ष ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री गहलोत ने पुराने बजट का हिस्सा पढ़ दिया। इसे लेकर खूब हंगामा भी किया। 
 
इसे लेकर विपक्ष ने हंगामा किया। हंगामे के बाद बजट भाषण को रोकना पड़ा। मुख्यमंत्री ने बुधवार दोपहर 11 बजे बजट (आय- व्यय अनुमान वर्ष 2023-24) सदन पटल पर रखा।

राजस्थान विधानसभा सदन में सीएम अशोक गहलोत अपने बजट भाषण के दौरान अचानक अटक गए। दरअसल सीएम गहलोत ने सुबह 11 बजे बजट भाषण पढ़ना शुरू किया।

इस दौरान गहलोत खुद बजट पढ़ते पढ़ते अटक गए। मनरेगा की 125 दिन शहरी रोजगार गारंटी योजना की जानकारी बजट में आते ही गलती का ऐहसास हुआ कि सीएम ने पिछले बजट को पढ़ दिया है। मंत्री महेश जोशी ने मुख्यमंत्री के पास जाकर यह गलती बताई। इसके बाद मुख्यंमत्री ने माफी भी मांगी कि गलती हो जाती है।

गहलोत ने 2023-24 का बजट सदन पटल पर रखा और भूमिका बांधने के बाद जैसे ही बजट घोषणाएं पढ़नीं शुरू की विपक्ष ने हंगामा शुरू कर दिया।

विपक्षी सदस्यों ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री ने पिछले बजट की पंक्तियां पढ़ी हैं। गहलोत ने 'इंदिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी योजना' व महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) संबंधी घोषणाएं कीं जो पहले ही की जा चुकी हैं। दोनों घोषणाएं बजट 2022-23 की पहले ही की जा चुकी हैं।
 
विपक्ष के कुछ सदस्य हंगामा करते हुए 'आसन के समीप’ आ गए। विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सी पी जोशी और नेता प्रतिपक्ष गुलाब चंद कटारिया में तीखी नोकझोंक हुई।

विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि वह नेता प्रतिपक्ष के ‘‘व्यवहार से दुखी होकर सदन की कार्यवाही आधे घंटे के लिए स्थगित करते हैं।’’

गहलोत भी चौंक गए कि बजट के पेपर में पुराने बजट के कागज कैसे आ गए। अब माना जा रहा है कि बजट को लेकर किसी न किसी अधिकारी पर गाज गिराई जा सकती है।

गलती कहां और कैसे हुई है, इसकी जांच की जा रही है। गहलोत ने कहा कि प्रधानमंत्री के राज्यसभा में विपक्ष के हंगामे के चलते राजस्थान मै भी विपक्ष भी इस ताक में था कि बजट में हंगामा हो परंतु बजट सत्र में सरकार द्वारा ही चूक हुई जिसके चलते बजट सत्र हंगामे की भेट चढ़ गया है। मौजूदा सरकार का यह 5वां व आखिरी वार्षिक बजट है। मुख्यमंत्री गहलोत के पास वित्त विभाग भी है। एजेंसियां

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