बेंगलुरु में शिक्षक ने किया बच्ची से यौनाचार

बुधवार, 7 जनवरी 2015 (22:09 IST)
बेंगलुरु। बच्ची से यौनाचार के आरोपी शिक्षक को गिरफ्तार करके उसके खिलाफ पास्को और बलात्कार के आरोप में मामला दर्ज किया गया है। इससे पूर्व घटना से गुस्साए प्रदर्शनकारी बुधवार को यहां एक स्कूल के बाहर जमा हो गए और मांग करने लगे कि शिक्षक को उन्हें सौंप दिया जाए।  
बाद में जब पुलिस ने भीड़ को वहां से हटाने का प्रयास किया तो वह हिंसा पर उतर आई जिसके कारण लाठीचार्ज करना पड़ा और आंसूगैस के गोले दागने पड़े। पुलिस ने बताया कि स्कूल के बाहर बड़ी संख्या में जमा प्रदर्शनकारी हिंसक हो गए, उन्होंने पथराव किया और एक बाइक को आग लगा दी। 
 
उन्होंने बताया कि जब पुलिस ने शिक्षक को वहां से हटाने का प्रयास किया तो लोगों ने उसके साथ मारपीट की। इस हिंसा में कुछ पुलिसकर्मी भी घायल हो गए। 
 
शीर्ष पुलिस अधिकारी ने बताया कि शिक्षक को गिरफ्तार कर उसके खिलाफ पास्को कानून और दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 376 (बलात्कार) के तहत मामला दर्ज किया गया है। 
 
अतिरिक्त पुलिस आयुक्त (कानून-व्यवस्था) आलोक कुमार ने बताया, फिजिकल ट्रेनर, स्कूल शिक्षक रामकृष्ण को स्कूल के भीतर सात साल की बच्ची का कथित रूप से यौन उत्पीड़न करने के मामले में गिरफ्तार किया गया है। 
 
मौके पर तनाव बढ़ने के बाद बेंगलुरु के पुलिस आयुक्त एमएन रेड्डी ने वहां पहुंचकर स्थिति को नियंत्रित करने का प्रयास किया। रेड्डी ने बताया कि शिक्षक पर स्कूल के भीतर सात वर्षीय छात्रा का यौन उत्पीड़न करने का आरोप लगाया गया है और अभिभावक तथा अन्य स्थानीय निवासी बड़ी संख्या में स्कूल के बाहर जमा हो गए और तुरंत न्याय की मांग करने लगे। 
 
उन्होंने कहा कि अतिरिक्त आयुक्त आलोक कुमार के नेतृत्व में पुलिसबल वहां दृढ़ता से मौजूद है और वे ऐसे तुरंत न्याय के तरीके की अनुमति नहीं देंगे। उन्होंने भीड़ को बताया कि पुलिस जांच करेगी और आरोपी को अदालत में पेश करेगी। सिर्फ अदालत के पास ही सजा देने का अधिकार है। 
 
लेकिन स्थानीय शरारती तत्वों ने अधिकारी के अनुरोध पर कोई ध्यान नहीं दिया और माइक पर बार-बार शांति बनाए रखने को कहने के बावजूद वे शांत नहीं हुए। 
 
रेड्डी ने कहा, वहां कानून-व्यवस्था संबंधी स्थिति पैदा हो गई थी जहां पथराव हो रहा था और बोतलें फेंकी जा रही थीं, पुलिसकर्मी घायल हो रहे थे। उन्होंने कहा, हमें भीड़ को हटाने के लिए आंसूगैस के गोलों और लाठीचार्ज का सहारा लेना पड़ा। (भाषा)

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