इससे प्रदेश में सरकारी नौकरियों और शिक्षा संस्थानों में दिया जाने वाला कुल आरक्षण बढ़कर 54 प्रतिशत पहुंच गया लेकिन उच्च न्यायालय ने इस विधेयक पर रोक लगा दी थी, बाद में उच्चतम न्यायालय ने भी सरकार को 50 प्रतिशत से अधिक आरक्षण सीमा को पार नहीं करने के निर्देश दिए थे।
वर्ष 1994 में अन्य पिछड़ा जातियों के साथ गुजर/गुर्जर,बंजारा/ बालदिया/लबाना, गाडिया—लुहार/गाडिया, रायका/रेबारी और गडरिया को शामिल किया गया था। (भाषा)