सलमान के खिलाफ अदालत को गुमाराह करने के मामले में विचाराधीन धारा 340 के दो प्रार्थना पत्रों पर अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ग्रामीण में गुरुवार को सुनवाई के बाद बहस के लिए 29 नवंबर की तारीख तय की गई। इस मामले में अधिकतम 7 साल की सजा का प्रावधान है। इन दोनों प्रार्थना पत्रों को लेकर सलमान की मुसीबत भी बढ़ती जा रही है।
सलमान पर अरोप है कि उन्होंने एक आवेदन देकर ये बताया कि मेरी तबीयत ठीक नहीं है और कान में दर्द है, जिसके चलते वह पेशी पर नहीं आ सकता, लेकिन ठीक उसी दिन सलमान कश्मीर की वादियों में फिल्म 'बजरंगी भाईजान' की शूटिंग करते हुए नजर आए। इस मामले को लेकर वन अधिकारी ललित बोड़ा ने अर्जी पेश कर सलमान के खिलाफ अदालत को गुमराह करने का मुकदमा दर्ज करने की अपील की थी।
सलमान ने मुंबई के बांद्रा पुलिस स्टेशन में 8 अगस्त 2003 में एक मुकदमा भी दर्ज करवा दिया कि उनके हथियार का लाइसेंस कहीं खो गया है, लेकिन जब सलमान ने लाइसेंस का नवीनीकरण कराने के लिए आवेदन किया तब अदालत को उनके इस झूठ का पता चला।
सलमान के इस झूठ को लेकर लोक अभियोजक अधिकारी एनके सांखला ने सलमान खान के खिलाफ अदालत को गुमराह करने का मुकदमा दर्ज करने की बात कही, लेकिन तत्कालीन सीजेएम जज देव कुमार खत्री ने इस प्रार्थना पत्र पर निर्णय नहीं दिया जो अभी विचाराधीन है। (वार्ता)