केसरिया वस्त्र पहने और कंधों पर कावड़ उठाए कावड़िए हरिद्वार के मुख्य स्नान घाट हर की पौड़ी तथा अन्य घाटों पर समूहों और टोलियों में सुबह से ही पहुंचने लगे हैं। ये कावड़िए उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश, राजस्थान, हरियाणा, जम्मू-कश्मीर, हिमाचल, पंजाब, गुजरात, महाराष्ट्र तथा बिहार जैसे राज्यों से लंबी दूरी तय कर यहां पहुंच रहे हैं।
उत्तराखंड पुलिस को उम्मीद है कि इस बार कम से कम 3 करोड़ कावड़िए हरिद्वार तथा आसपास के क्षेत्रों से गंगा जल भरने के लिए पहुंचेंगे। कावड़ियों के आगमन में तेजी मेले के आखिरी सप्ताह में आएगी और उस समय हरिद्वार, ऋषिकेश तथा आसपास का पूरा इलाका केसरिया हो जाता है।
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने भी कावड़ियों का उत्तराखंड में स्वागत करते हुए उनकी सुरक्षित और सफल यात्रा की कामना की है। मुख्यमंत्री ने कहा कि कावड़ियों के लिए पेयजल समेत सभी प्रकार की सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं। उन्होंने कहा कि सभी अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि कावड़ियों को अपनी यात्रा के दौरान किसी प्रकार की परेशानी नहीं आनी चाहिए।
भीड़ को नियंत्रित करने के लिए हरिद्वार को 12 सुपर जोन, 31 जोन और 133 सेक्टरों में विभाजित किया गया है। कुमार ने बताया कि अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि कावड़ियों को व्यवस्थाओं तथा मार्गों के बारे में जानकारी देने के लिए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का भरपूर उपयोग किया जाए।