शरद पवार ने किया आंसू पोंछने का नाटक, रैली में मौजूद लोग नहीं रोक पाए हंसी

Sharad Pawar targets Ajit: राकांपा (एसपी) प्रमुख शरद पवार ने अपने भतीजे और महाराष्ट्र (Maharashtra Assembly Elections 2024) के उपमुख्यमंत्री अजित पवार (Ajit Pawar) पर राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं के लिए परिवार को तोड़ने का मंगलवार को आरोप लगाया। ALSO READ: अजित पवार की चेतावनी, जो गलती मैंने की, वही शरद पवार कर रहे हैं
 
बारामती के पास कन्हेरी शहर में अपने पोते और राकांपा (एसपी) प्रत्याशी युगेंद्र पवार के समर्थन में प्रचार करते हुए शरद पवार ने अजित की नकल की, जो एक दिन पहले क्षेत्र में आयोजित एक रैली में युगेंद्र की उम्मीदवारी को लेकर भावुक हो गए थे। शरद पवार भाषण के बीच में रूमाल निकालकर आंसू पोंछने का नाटक करने लगे, जिसे देख रैली में मौजूद लोग हंस पड़े। ALSO READ: महाराष्ट्र चुनाव : NCP शरद की पहली लिस्ट जारी, अजित पवार के खिलाफ बारामती से भतीजे को टिकट
 
सोमवार को बारामती में एक रैली के दौरान अजित पवार ने युगेंद्र की उम्मीदवारी की तरफ इशारा करते हुए कहा था कि 'बड़े-बुजुर्गों' को यह सुनिश्चित करना चाहिए था कि बारामती का चुनावी समर पारिवारिक लड़ाई में न तब्दील हो। शरद पवार ने कहा कि मेरे माता-पिता और भाइयों ने मुझे कभी भी घर (परिवार) तोड़ने का पाप नहीं सिखाया।
 
अब मैं एक संरक्षक हूं : उन्होंने कहा कि लोगों ने बहुत समय पहले मुझे महाराष्ट्र का नेतृत्व करने का जिम्मा सौंपा था। मैं अब एक संरक्षक हूं और मैंने पार्टी से जुड़े मामले नई पीढ़ी को सौंप दिए हैं। राजनीति की दुनिया की अनिश्चितताओं को रेखांकित करते हुए राकांपा (एसपी) प्रमुख ने कहा कि खुद के लिए सत्ता हासिल करने के फेर में किसी को भी अपने सहयोगियों का साथ नहीं छोड़ना चाहिए। उन्होंने कहा कि दुर्भाग्य से जब हम (अविभाजित राकांपा) सत्ता में नहीं थे, तब हमारे कुछ सहयोगी सुबह उठे और अचानक शपथ ले ली। वह सरकार चार दिन भी नहीं चली। 
 
गौरतलब है कि 2019 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के बाद सरकार गठन को लेकर सियासी रस्साकशी के बीच अजित पवार ने राजभवन में उपमुख्यमंत्री और भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। उस समय अजित विपक्षी दल राकांपा (अविभाजित) के सदस्य थे। ALSO READ: महाराष्ट्र के पुणे में 5 करोड़ कैश जब्त, शरद पवार के पोते रोहित ने उठाए सवाल
 
क्या आप घर-परिवार तोड़ देंगे : शरद पवार ने सवाल किया कि 4 बार उपमुख्यमंत्री के रूप में सेवाएं देने के बावजूद वह (अजित पवार) अपने लिए उपमुख्यमंत्री पद सुरक्षित करने के वास्ते दूसरे पाले में चले गए। आपको अधिकांश बार यह पद हासिल हुआ। अगर आपको एक बार पद न मिल पाए, तो क्या आप घर (परिवार) तोड़ दोगे? उन्होंने कहा कि अब यह कहा जा रहा है कि मैंने परिवार तोड़ा। यह सुनकर हंसी आती है।
 
राकांपा (एसपी) प्रमुख ने कहा कि उन्होंने पवार कुनबे में कभी दरार पैदा नहीं की और परिवार के मुखिया के रूप में हर कोई उनकी बात सुनता था। उन्होंने कहा कि मैंने कभी किसी के खिलाफ जाकर कुछ नहीं किया और न ही करूंगा। भविष्य में कोई भी व्यक्ति चाहे जो भी कदम उठाए, मैं गलत रास्ते पर नहीं जाऊंगा। मैं यह सुनिश्चित करूंगा कि मेरा परिवार एकजुट रहे।
 
अजित पर निशाना साधते हुए शरद पवार ने एक रैली में दिए उनके भाषण का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि ऐसा कहा गया कि मैंने परिवार में फूट डाली। मेरे माता-पिता या भाइयों ने मुझे कभी परिवार तोड़ने का पाप नहीं सिखाया। अनंतराव पवार (अजित पवार के पिता) सहित मेरे सभी भाई मेरे साथ रहे।
 
मैं भाइयों के बच्चों से भेदभाव नहीं करूंगा : शरद पवार ने याद किया कि कैसे उन्होंने महाराष्ट्र और राष्ट्रीय स्तर की राजनीति पर ध्यान केंद्रित किया, जबकि घरेलू मुद्दों और खेती की देखभाल की जिम्मेदारी उनके परिवार के अन्य सदस्य संभालते थे। उन्होंने कहा कि मैं अपने भाइयों के आशीर्वाद के कारण ही अपने काम पर ध्यान केंद्रित कर सका। मैं उनके बच्चों के साथ भेदभाव नहीं करूंगा।
 
शरद पवार ने बारामती लोकसभा क्षेत्र में सुनेत्रा पवार के लिए चुनाव प्रचार से लेकर युगेंद्र की उम्मीदवारी को लेकर दिए गए भावुक भाषण तक, अजित पवार की 'भाषा में आए बदलाव' को रेखांकित किया। बारामती लोकसभा क्षेत्र में अजित ने पत्नी सुनेत्रा को अपनी चचेरी बहन सुप्रिया सुले के खिलाफ चुनाव मैदान में उतारा था। हालांकि, सुनेत्रा चुनाव जीतने में असफल रही थीं।
 
अजित पवार की उतारी नकल : शरद पवार ने कहा कि लोकसभा चुनाव के दौरान (अजित द्वारा) लोगों से कहा गया था कि वे भावनाओं में न बहें। लोगों को बताया गया कि पवार साहब (शरद पवार) आंसू बहाएंगे और (अपनी बेटी सुप्रिया सुले के लिए) वोट मांगेंगे। उन्होंने अजित की नकल उतारते हुए रूमाल निकाली और आंसू पोंछने का नाटक करते हुए कहा कि आपने कल के भाषण में देखा होगा। शरद पवार ने दावा किया कि उन्होंने कई नेताओं को मंत्री पद की पेशकश की, लेकिन सुप्रिया सुले को एक भी पद नहीं सौंपा।
 
राकांपा (एसपी) प्रमुख ने कहा कि उन्हें अदालत में घसीटा गया, क्योंकि उन्होंने जिस राकांपा की स्थापना की थी, उसका नाम और चुनाव चिह्न दूसरे गुट को आवंटित कर दिया गया था। महाराष्ट्र की 288 सदस्यीय विधानसभा के लिए चुनाव 20 नवंबर को होगा, जबकि वोटों की गिनती 23 नवंबर को की जाएगी। (एजेंसी/वेबदुनिया)
Edited by: Vrijendra Singh Jhala 
 

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