पवार को वित्त और योजना मंत्रालय दिए जाने के बाद राउत ने दावा किया कि अजित पवार भविष्य में मुख्यमंत्री बन सकते हैं। यह निश्चित है कि मुख्यमंत्री (एकनाथ शिंदे) को हटाया जाएगा। महाराष्ट्र विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष अंबादास दानवे ने कहा कि समय उन 40 विधायकों से बदला ले रहा है, जिन्होंने उद्धव ठाकरे के खिलाफ बगावत की थी।
दानवे ने कहा कि जब अजित पवार महा विकास आघाडी (एमवीए) सरकार का हिस्सा थे, तब शिवसेना के विधायकों ने उन पर उन्हें (विधायकों को) धन से वंचित करने का आरोप लगाया था और पार्टी छोड़ दी थी और आज वही व्यक्ति राज्य के वित्त मंत्री बन गए हैं।
पिछले साल जून में शिंदे के विद्रोह के चलते शिवसेना विभाजित हो गई थी और उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली एमवीए सरकार गिर गई थी। एमवीए सरकार में शिवसेना, कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) शामिल थी। शिवसेना में विद्रोह के बाद शिंदे भाजपा के समर्थन से मुख्यमंत्री बन गए थे।
पवार गुट को मिले महत्वपूर्ण मंत्रालय : मुख्यमंत्री शिंदे के कार्यालय ने एक बयान में कहा कि अजित पवार के अलावा राकांपा के 8 अन्य विधायकों को भी विभिन्न विभाग सौंपे गए हैं। बयान में कहा गया है कि धनंजय मुंडे को कृषि विभाग दिया गया है, जबकि दिलीप वाल्से-पाटिल नए सहकारिता मंत्री होंगे।
राकांपा के अन्य नेताओं हसन मुशरिफ को चिकित्सा शिक्षा, छगन भुजबल को खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति, धर्मराव अत्राम को खाद्य एवं औषधि प्रशासन, संजय बनसोडे को खेल, अदिति तटकरे को महिला एवं बाल विकास और अनिल पाटिल को राहत, पुनर्वास एवं आपदा प्रबंधन विभाग की जिम्मेदारी सौंपी गई है। (भाषा)
Edited by: Vrijendra Singh Jhala