चुनाव के बाद होगा महाराष्ट्र के सीएम का फैसला: भाजपा

सोमवार, 15 सितम्बर 2014 (08:28 IST)
पुणे। आगामी महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए सीटों की साझेदारी लेकर शिवसेना-भाजपा गठबंधन में तनाव बिल्कुल स्पष्ट रूप से सामने आ गया है क्योंकि भाजपा ने शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के इस बयान को खारिज कर दिया कि भगवा की जीत की स्थिति में शीर्ष पद (मुख्यमंत्री पद) शिवसेना के पास जाएगा और वह यह पद ग्रहण करने के विरूद्ध नहीं हैं।

एक टीवी चैनल पर साक्षात्कार में ठाकरे द्वारा दिए गए बयान और शिवसेना के मुखपत्र ‘सामना’ में जोर शोर से प्रकाशित वक्तव्य पर अपनी पार्टी की नाखुशी प्रकट करते हुए महाराष्ट्र के पार्टी मामलों के प्रभारी भाजपा नेता राजीव प्रताप रूडी ने कहा, ‘चुनाव और वार्ता से पहले ऐसे बयानों से परहेज करना वांछनीय है।’ उन्होंने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि दोनों गठबंधन सहयोगियों ने अबतक मुख्यमंत्री पद के मुद्दे पर चर्चा नहीं की है।

उन्होंने कहा, ‘चुनाव के बाद इस मुद्दे पर फैसला होगा।’ महाराष्ट्र में 15 अक्टूबर को होने जा रहे विधानसभा में सीटों की साझेदारी के मुद्दे पर राज्य के 25 साल पुराने भगवा गठजोड़ में अनबन के बारे में पूछे जाने पर रूडी ने कहा कि भाजपा शिवसेना से परिपक्व और सम्मानजनक समझदारी की उम्मीद करती है।

रूडी ने कहा कि भाजपा ने एक प्रस्ताव रखा है कि आरपीआई (अठावले) और राजू शेट्टी की स्वभिमान पार्टी जैसे छोटे दलों को संबंधित हिस्सा देने के बाद शेष सीटें भाजपा एवं शिवसेना में बराबर-बराबर बांट दी जाए। उन्होंने कहा, ‘इसके आधार पर, हम 135 सीटों पर लड़ने की उम्मीद करते हैं और शिवसेना के लिए भी उतनी ही सीटें होंगी।’ महाराष्ट्र की 288 सदस्यीय विधानसभा के लिए पिछले दो चुनावों में शिवसेना और भाजपा ने क्रमश: 169 और 119 सीटों पर चुनाव लड़ा था।

जब भाजपा नेता से पूछा गया कि यदि भाजपा का प्रस्ताव परवान नहीं चढ़ा तो क्या वह अकेले अपने बलबूते पर चुनाव में उतरेगी और सभी 288 सीटों पर चुनाव लड़ेगी, तब उन्होंने कहा, ‘अटकल क्यों लगाते हैं। ए या बी प्लान नहीं है। हम उनके जवाब का इंतजार कर रहे हैं।’ उन्होंने कहा कि हाल ही में भाजपा अध्यक्ष अमित शाह मातोश्री में ठाकरे से मिले थे और दोनों दलों ने गठबंधन बनाए रखने और मिलकर चुनाव लड़ने का निर्णय लिया।

एक सवाल के जवाब में रूडी ने कहा, ‘चीजें बदल चुकी हैं। गठबंधन में कोई बड़ा या छोटा भाई नहीं है। हम सहयोगी हैं।’ एक अन्य प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा कि सीटों की साझेदारी पर वर्तमान वार्ता के संदर्भ में उद्धव ठाकरे की परिपक्वता पर सवाल खड़ा करना गलत होगा क्योंकि उन्होंने शिवेसना प्रमुख बाल ठाकरे के निधन के बाद अपनी पार्टी के मामले संभाले हैं। (भाषा)

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