पश्चिम बंगाल : हिंसा प्रभावित हुगली में स्थिति नियंत्रण में, निषेधात्मक आदेश लागू

सोमवार, 3 अप्रैल 2023 (15:41 IST)
रिषड़ा/शिबपुर (पश्चिम बंगाल)। पश्चिम बंगाल में हुगली जिले के हिंसा प्रभावित रिषड़ा और सेराम्पोर में स्थिति शांतिपूर्ण और नियंत्रण में है, लेकिन कुछ इलाकों में निषेधात्मक आदेश लागू हैं तथा इंटरनेट सेवा पर रोक सोमवार को भी जारी रही। भारी पुलिस बल तैनात है। कुछ समय के लिए बाजारों को खोलने की अनुमति दी गई थी।

पुलिस ने यह जानकारी दी। चंदननगर पुलिस आयुक्तालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि रविवार शाम रामनवमी की शोभायात्रा के दौरान दो समूहों के बीच हुई झड़प के सिलसिले में 12 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।

उन्होंने बताया, स्थिति नियंत्रण में और शांतिपूर्ण है। निषेधाज्ञा लागू है तथा भारी पुलिस बल तैनात है। कुछ समय के लिए बाजारों को खोलने की अनुमति दी गई थी। हम वाहनों की आवाजाही पर भी नजर रख रहे हैं। अधिकारी ने बताया, सुबह में कुछ इलाकों में तनाव था। हमने भीड़ को तितर-बितर कर दिया तथा सुरक्षा व्यवस्था और सख्त कर दी गई है।

अधिकारी ने बताया, उम्मीद है कि स्थिति में और सुधार होगा। स्थिति का आकलन करने के बाद ही निषेधाज्ञा को हटाने और इंटरनेट सेवा को बहाल करने पर फैसला किया जाएगा। पुलिस ने बताया कि रिषड़ा थाना क्षेत्र में रामनवमी के मौके पर दो शोभायात्रा निकाली गईं और एक शोभायात्रा पर जीटी रोड स्थित वेलिंगटन जूट मिल मोड़ के पास रविवार शाम करीब सवा छह बजे हमला किया गया।

उन्होंने कहा कि दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 144 के तहत रिषड़ा वार्ड 1-5 और सेराम्पोर की वार्ड संख्या 24 में निषेधाज्ञा लागू की गई हैं तथा जिले के कुछ हिस्सों में सोमवार रात 10 बजे तक इंटरनेट सेवाएं बंद रहेंगी।

एनसीपीसीआर ने हावड़ा पुलिस आयुक्त को नोटिस जारी किया : रामनवमी पर पश्चिम बंगाल में हिंसा के दौरान पथराव के लिए बच्चों के इस्तेमाल को लेकर राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) ने हावड़ा पुलिस आयुक्त को नोटिस जारी किया है।

पश्चिम बंगाल के हावड़ा जिले में रामनवमी के जुलूस के दौरान 2 समूहों के बीच झड़प हो गई थी। इस घटना के सिलसिले में पुलिस ने 45 लोगों को गिरफ्तार किया है।

बाल अधिकार संबंधी आयोग ने कहा, आयोग ने एक ट्विटर पोस्ट देखा है जिससे यह पता लगा कि हावड़ा के शिबपुर इलाके में रामनवमी शोभायात्रा के दौरान भीड़ हिंसक हो गई और हिंसक गतिविधियों के दौरान पथराव करने के लिए बच्चों का इस्तेमाल किया गया।

आयोग ने कहा कि उसने प्रथम दृष्टया इस मामले पर स्वत: संज्ञान लिया है कि असामाजिक तत्वों द्वारा इस तरह की हिंसक गतिविधियों में बच्चों का इस्तेमाल किशोर न्याय कानून 2015 और भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं का उल्लंघन प्रतीत होता है।

आयोग ने कहा, इसलिए आपके कार्यालय से अनुरोध है कि इस तरह की हिंसक गतिविधियों में बच्चों का इस्तेमाल करने वाले अपराधियों के खिलाफ तत्काल कानूनी कार्रवाई कर मामले की जांच करें।

यह भी वांछनीय है कि ऐसी हिंसक गतिविधियों में शामिल किए गए बच्चों की पहचान की जाए और उन्हें बाल कल्याण समिति के सामने पेश किया जाए एवं उनकी काउंसलिंग कराई जा सकती है। आयोग ने निर्देश दिया कि पत्र प्राप्त होने के 2 दिनों के भीतर कार्रवाई रिपोर्ट प्रस्तुत की जाए।
Edited By : Chetan Gour (एजेंसियां)

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