यमुना में मिली पार्श्वनाथ की मूर्ति 4.5 फुट उंची और तीन फुट चौड़ी है।
मूर्ति की मोटाई करीब एक फुट है और वजन लगभग पांच कुन्तल है। अनुमान लगाया जाता है कि जब बुद्ध नगरी कौशाम्बी अपने वैभव के उजड़ने के अंतिम दौर में थी। जैन ने बताया कि समृद्धशाली कौशाम्बी नगरी का अधिकांश भाग यमुना नदी की लहरों में समा गई थी। हो सकता है, उसी समय यह मूर्ति यमुना की गोद में समा गई हो। कौशाम्बी जैन धर्म का प्राचीनतम केन्द्र रहा है। (वार्ता)