इस सर्वदलीय बैठक में पहाड़ी के सभी राजनीतिक दल भाग लेने वाले हैं। इससे पहले यह बैठक 18 जुलाई को होने वाली थी, लेकिन गत शनिवार को पहाड़ियों में हुई हिंसा के बाद बैठक को 11 जुलाई को ही बुला लिया गया। जनआंदोलन पार्टी के सूत्रों ने बताया कि अनिश्चितकालीन हड़ताल के कारण खाने-पीने और आवश्यक वस्तुओं के खत्म होते जाने के कारण पहाड़ की कई पार्टियां कुछ दिनों के लिए बंद में छूट देने के पक्ष में हैं।
इलाके की कई पार्टियां चाहती हैं कि जीजेएम त्रिपक्षीय वार्ता करे। पिछले 27 दिनों में यह चौथी ऐसी बैठक होगी। पहली, दूसरी और तीसरी बैठक क्रमश: 20 और 29 जून एवं 6 जुलाई को हुई थी। जीजेएम ने मिरिक में एक विशाल रैली कर गोरखालैंड की मांग उठाई। संयोगवश मई में हुए पिछले मिरिक नगर निगम चुनाव में तृणकां से जीजेएम को शिकस्त का सामना करना पड़ा था।
पुलिस और सुरक्षा बल सड़कों एवं प्रवेश और निकास मार्गों पर नजर रख रहे हैं। पिछले 24 दिनों से इंटरनेट सेवा ठप्प है जबकि सभी दुकानें, विद्यालय और कॉलेज बंद हैं। रक्षा सूत्रों ने बताया कि कल रात सेना के एक कॉलम को कलीमपोंग में तैनात किया है। इस कॉलम में करीब 50 जवान हैं। (भाषा)