Tejashwi Yadav summoned for the second time: अहमदाबाद की एक मेट्रोपोलिटन अदालत (metropolitan court) ने शुक्रवार को बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) को एक आपराधिक मानहानि मामले (defamation case) में दूसरी बार 'समन' जारी किया। अदालत ने दूसरा समन तब जारी किया, जब उसे पता चला कि पूर्व में जारी किया गया समन भ्रम के चलते उन्हें तामील नहीं हो सका।
अदालत ने राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता को भारतीय दंड संहिता की धारा 499 और 500 के तहत दर्ज मामले में 22 सितंबर को उसके समक्ष पेश होने के लिए समन जारी किया था। अदालत ने शुक्रवार को जब मामले की सुनवाई शुरू की, तब यह खुलासा हुआ कि समन अब तक अदालत में ही पड़ा हुआ है और यह तेजस्वी के पास नहीं पहुंचाया गया।
शिकायतकर्ता हरेश मेहता (69) इस भ्रम में रह गए कि अदालत पुलिस या अपने तंत्र के माध्यम से समन राजद नेता को पहुंचाएगी जबकि अदालत को ऐसा लगा कि मेहता के वकील ने इसे (अदालत से) प्राप्त कर तेजस्वी को पहुंचा दिया। इस भ्रम को दूर करने के लिए परमार ने शुक्रवार को कहा कि समन तामील कराना मेहता का काम था क्योंकि वह शिकायतकर्ता हैं। इसके बाद परमार ने दूसरा समन जारी किया और मेहता से इसे तेजस्वी को भिजवाने के लिए आवश्यक प्रबंध करने को कहा।
अदालत ने अगस्त में तेजस्वी के खिलाफ आपराधिक प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 202 के तहत पड़ताल की थी और सामाजिक कार्यकर्ता एवं अहमदाबाद के कारोबारी मेहता द्वारा दायर शिकायत के आधार पर उन्हें तलब करने के लिए पर्याप्त आधार पाया। मेहता ने इस साल 21 मार्च को पटना में मीडिया के समक्ष दिए तेजस्वी के बयान के सबूत के साथ अदालत में अपनी शिकायत दायर की थी।(भाषा)