बदलापुर की घटना की निंदा करने के लिए आयोजित एक विरोध प्रदर्शन से इतर संवाददाताओं से बात करते हुए सुले ने एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली सरकार पर महिला सुरक्षा के मुद्दे पर गंभीर नहीं होने का आरोप लगाया। उन्होंने दावा किया कि सरकार तो पार्टियों को तोड़ने में व्यस्त है, लिहाजा उसके पास आम लोगों के लिए समय नहीं है।
सुले ने कहा कि स्कूल में घटना के तत्काल बाद यदि शिक्षा मंत्री ने कार्रवाई की होती तो आंदोलन की जरूरत नहीं पड़ती। यह दर्शाता है कि यह सरकार महिलाओं की सुरक्षा के बारे में बिल्कुल भी गंभीर नहीं है। सरकार आयकर विभाग और प्रवर्तन निदेशालय का इस्तेमाल कर घरों, पार्टियों को तोड़ने में व्यस्त है।
बारामती से सांसद सुले ने घटना को लेकर फडणवीस की आलोचना की और पूछा कि शक्ति कानून का क्या हुआ जो पहले लाया गया। गृह मंत्री, जो मुंबई से ज्यादा समय दिल्ली में बिताते हैं, उन्हें इस घटना पर स्पष्टीकरण देना चाहिए और नैतिक जिम्मेदारी के तौर पर इस्तीफा देना चाहिए।
गौरतलब है कि बदलापुर कस्बे में मंगलवार को उस समय बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए जब गुस्साए अभिभावकों, स्थानीय निवासियों और अन्य लोगों ने रेलवे पटरियों को अवरुद्ध कर दिया और उस स्कूल में तोड़फोड़ की, जहां पिछले सप्ताह एक पुरुष सहायक द्वारा दो छात्राओं का यौन उत्पीड़न किया गया था।
प्रदर्शनकारियों ने आरोपी के खिलाफ सख्त सजा की मांग की, जिसे 17 अगस्त को गिरफ्तार किया गया था। राज्य सरकार ने मंगलवार को 2 बच्चियों के यौन उत्पीड़न की जांच में कर्तव्य के प्रति कथित लापरवाही के लिए एक वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक सहित 3 पुलिस अधिकारियों को निलंबित करने का आदेश दिया।