चेन्नई, तिरुचिरापल्ली और तंजौर में यात्रियों ने शिकायत की कि सरकारी कर्मचारियों द्वारा बसें न चलाए जाने के कारण वे कई घंटों से फंसे हुए हैं। कई लोगों को गिनी-चुनी निजी बसों में लोगों को खचाखच भरकर सफर करना पड़ा।
सरकार के साथ सेवानिवृत्ति लाभों और कुछ बकाया भत्तों पर बातचीत विफल रही थी। इसके बाद कुछ परिवहन संघों ने रविवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल का आह्वान किया था। परिवहन मंत्री एमआर विजयभास्कर ने कहा कि सरकार के समर्थन में 37 संघ हैं। हड़ताल में कुल 10 अन्य संघों ने हिस्सा लिया है जिनमें द्रमुक और वाम की अध्यक्षता वाले संघ भी शामिल हैं।
उन्होंने कहा कि बसों का परिचालन पूर्ण संख्या में करने के प्रयास जारी हैं। इस अवरोध को हटाने के लिए 2,000 निजी वाहन चलाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि सड़कों पर बसों को पुलिस सुरक्षा दी जा रही है और यदि संघ आगे आते हैं तो सरकार वार्ता करके इस अवरोध को खत्म करने के लिए तैयार है। (भाषा)