उल्लेखनीय है कि सरकार टीपू को स्वतंत्रता सेनानी मानती है। वहीं कोडावा समुदाय, भाजपा और कुछ दक्षिणपंथी संगठन सरकार के इस फैसले का विरोध कर रहे हैं। उनके मुताबिक, टीपू धार्मिक आधार पर कट्टर था। जबरन उसने लोगों का धर्म परिवर्तन कराकर इस्लाम कबूल कराया था।