जर्मनी में प्लेन से उतारे गए पंजाब के CM भगवंत मान, यात्रियों ने कहा- शराब के नशे में लड़खड़ा रहे थे, AAP ने बताया प्रोपेगेंडा
चंडीगढ़। पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान (Bhagwant Mann) फिर शराब में नशे के विवाद में फंस गए हैं। पंजाब में विदेशी निवेश बढ़ाने के लिए वे जर्मनी की यात्रा पर थे। आरोप लगाए जा रहे हैं कि जर्मनी से भारत आने के लिए वे नशे में धुत्त होकर विमान में सवार हो गए। उन्हें लुफ्थांसा के विमान से उतार दिया गया। उनकी इस हरकत के कारण फ्लाइट को उड़ने में 4 घंटे की देर हुई।
खबरों के मुताबिक एक यात्री ने कहा कि पंजाब के मुख्यमंत्री नशे में धुत्त थे। इससे पहले भी मान पर संसद की कार्यवाही में शराब पीकर आने के आरोप लग चुके हैं। वेबसाइट के मुताबिक विमान के बाकी यात्रियों के अनुसार मान ने इतनी शराब पी रखी थी कि वे ठीक से चल नहीं पा रहे थे। उनकी पत्नी और सुरक्षाकर्मी उन्हें संभाल रहे थे।
17 सितंबर को भगवंत मान जर्मनी से दिल्ली लौट रहे थे। खबरों के अनुसार इसी दौरान फ्रैंकफर्ट एयरपोर्ट पर उन्हें लुफ्थांसा एयरलाइंस के विमान से नीचे उतार दिया गया। वे नशे में थे, इसलिए एयरलाइन ने यह निर्णय लिया। लुफ्थांसा वेबसाइट के अनुसार यह विमान फ्रैंकफर्ट से शनिवार दोपहर 1.40 बजे रवाना होने वाला था। यह दिल्ली में रात 12.55 बजे लैंड करता, लेकिन इस हंगामे के बाद विमान 4 घंटे की देरी से शाम 5.52 बजे उड़ान भर पाया और सोमवार सुबह 4.30 बजे दिल्ली में लैंड हुआ।
बादल ने मांगा जवाब : शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने भगवंत मान पर गंभीर आरोप लगाते हुए उनसे नशे में होने के कारण विमान से उतारे जाने की मीडिया रिपोर्टों पर स्पष्टीकरण मांगा है। बादल ने ट्वीट किया कि भगवंत मान को लुफ्थांसा की फ्लाइट से उतारा गया। उन्होंने बहुत अधिक नशा किया हुआ था। इसके चलते उड़ान भरने लायक नहीं थे। उनके चलते फ्लाइट को 4 घंटे की देर हुई। विमान से उतारे जाने के चलते मान आप के राष्ट्रीय सम्मेलन में भी शामिल नहीं हो सके। मान ने पूरी दुनिया में पंजाबियों को शर्मसार किया है।
आप ने बताया प्रेपेगेंडा : आम आदमी पार्टी ने भगवंत मान के खिलाफ लगाए गए आरोप को प्रोपेगेंडा बताया है। पार्टी ने दावा किया कि मुख्यमंत्री के रूप में मान के प्रदर्शन से विपक्ष बौखला गया है। मुख्यमंत्री 19 सितंबर को निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार लौटे थे। भगवंत मान ने अपनी विदेश यात्रा के दौरान पंजाब में विदेशी निवेश आकर्षित किया। इससे विपक्ष बौखला गया है।