मस्जिदों में जैसे ही जुमे की नमाज खत्म हुईं, मलिक के नेतृत्व में बड़ी संख्या में जेआरएल कार्यकर्ता श्रीनगर के मैसुमा में सड़कों पर उतर आए। कानून के तहत अनुच्छेद 35-ए में किसी प्रकार के बदलाव की स्थिति में आंदोलन को तेज करने की चेतावनी दी गई है। इस अवसर पर मलिक ने लोगों से अनुच्छेद 35-ए के मुद्दे पर जेआरएल की ओर से घोषित हर कार्यक्रम को सफल बनाने की अपील की।
उन्होंने कहा कि हर वर्ग के लोगों को सर्वसम्मति से इस मुद्दे पर अपनी गंभीर और तत्काल चिंता व्यक्त करनी चाहिए, क्योंकि इसके कारण जम्मू-कश्मीर के लोगों के अस्तित्व पर गंभीर खतरा उत्पन्न हो गया है। प्रदर्शनकारी बाद में शांतिपूर्वक अपने-अपने गंतव्य के लिए रवाना हो गए। इस बीच अलगाववादियों ने अनुच्छेद 35-ए को रद्द करने के कथित प्रयासों के विरोध में 26 अगस्त से 2 दिवसीय हड़ताल का आह्वान किया है।
उच्चतम न्यायालय में 27 अगस्त से अनुच्छेद 35-ए की वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं की सुनवाई की पृष्ठभूमि में विरोध और हड़ताल का आयोजन किया गया है। न्यायालय की 3 सदस्यीय खंडपीठ इस बात पर विचार करेगी कि याचिकाओं को संविधान पीठ के पास भेजा जाए या नहीं। शीर्ष न्यायालय ने गत 6 अगस्त को इस मामले को 27 अगस्त से शुरू होने वाले सप्ताह में स्थगित कर दिया था।