उन्होंने कहा कि युद्धकाल के दौरान अदम्य साहस, वीरता और शौर्य का प्रदर्शन करने वाले सैनिकों को विभिन्न प्रकार के वीरता पदक दिए जाते हैं लेकिन शांतिकाल के दौरान भी आतंकवादी घटनाओं, प्राकृतिक आपदाओं सहित कई ऐसी परिस्थितियां उत्पन्न होती हैं जिनमें सैनिक अपनी कर्मठता, शौर्य, पराक्रम तथा कर्तव्यपरायणता का परिचय देते हुए देशसेवा के लिए अपने प्राणों की बाजी लगा देते हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 'कारगिल विजय दिवस' भारत के शौर्य, पराक्रम, स्वाभिमान और सम्मान का दिवस है। वर्ष 1999 में आज ही के दिन पाकिस्तान की कायरतापूर्ण हरकत का जवाब देते हुए भारतीय सैनिकों ने अपनी विजय पताका फहराई थी। इसमें उत्तरप्रदेश के भी अनेक वीरों ने अपना सर्वोच्च बलिदान दिया था।