विधानसभा में कांग्रेस के अजय कुमार लल्लू के संवेदन और अतिसंवेदनशील बंधों के बारे में पूछे गए सवाल के जवाब में योगी ने कहा उनकी सरकार इस विषय पर काफी संवेदनशील है। राज्य में तटबंधों की मरम्मत के काम आठ-दस वर्षों में नहीं हुए हैं। उनकी सरकार इसे करवाने जा रही है। बाढ़ प्रभावित जिलों में तटबंधों के मरम्मत का काम तेजी से होगा। सुरक्षा की व्यवस्था होगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि तटबंधों में 'रैट होल' और 'रैन कट' को हर हाल में ठीक किया जाएगा। उन्होंने बताया कि तटबंधों के मरम्मत का काम शुरू हो गया है। सवालकर्ता विधायक को मौके पर जाकर देखना चाहिए। व्यवस्था बिगड गई है, लेकिन उनकी सरकार अच्छी व्यवस्था देगी।
इससे पहले बाढ़ नियंत्रण राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) स्वातिसिंह ने बताया कि राज्य के 38 जिलों के 30 संवेदनशील और अतिसंवेदनशील तटबंध हैं। इनकी मरम्मत के लिए 30 करोड़ 25 लाख रुपए स्वीकृत किए गए हैं, जिसमें से 16 करोड़ रुपए से अधिक धन दिया जा चुका है। कांग्रेस के अजय कुमार लल्लू ने स्वीकृत धन को ऊंट के मुंह में जीरा बताया। उन्होंने जानना चाहा कि क्या मानसून शुरू होने से पहले 15 जून तक तटबंधों की मरम्मत हो जाएगी।
श्रीमती सिंह ने 15 जून के पहले तटबंधों की मरम्मत का आश्वासन देते हुए कहा कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के लिए सरकार सजग है। मुख्यमंत्री ने भी आश्वस्त किया है कि मानसून शुरू होने के पहले तटबंधों के निर्माण कर लिए जाएंगे। मंत्री के जवाब से असंतुष्ट लल्लू ने कहा कि फाइल जब अभी वित्त विभाग में ही लटकी है तो 15 जून तक काम कैसे पूरे हो जाएंगे, क्योंकि टेंडर प्रक्रिया में ही दो महीने लग जाएंगे। बसपा के लालजी वर्मा ने भी तटबंधों के निर्माण के संबंध में सवाल खड़े किए। (वार्ता)