एक दिन में सौ बार से ज्यादा चरमसुख..!

उस व्यक्ति का नाम है डेल डेकर और वे कहते हैं कि वे एक विचित्र बीमारी का शिकार होने के कारण उनका पारिवारिक जीवन खत्म हो रहा है। उनका लिंग निरंतर उत्तेजित स्थिति में होने के कारण वे घर से बाहर नहीं जा पाते हैं। वे दोस्तों से नहीं मिल पाते हैं और उन्हें दिनभर में 100 बार से ज्यादा चरम सुख की प्राप्ति होती है, लेकिन वे एक बार भी इसका मजा नहीं लेते हैं।  
 
वे परसिस्टेंट जेनाइटल अरूजल सिंड्रोम की बीमारी के चलते अपने घर में बंद बने रहते हैं। उनकी यह बीमारी सितंबर 2012 में पैदा हुई थी। तब उन्हें स्लिप डिस्क की बीमारी हुई थी और वे एक कुर्सी से उठ रहे थे। उनका कहना है कि उनकी इस स्थिति से उनकी जिंदगी पूरी तरह से बरबाद हो गई है। 37 वर्षीय डेल का कहना है कि सोचिए कि आप अपने पिता के ताबूत के पास हों और घुटनों पर बैठे हों। आप अंतिम विदाई दे रहे हों और वहीं आपको नौ बार चरम सुख मिले। यह भी तब जब आपका पूरा परिवार आपके पीछे खड़ा हो।''
 
अब तो ऐसा लगता है कि जब तक जिंदा रहूं तब तक कोई भी उन्माद न हो। अब इसे लेकर किसी भी तरह के सुख का अनुभव नहीं होता है। हालांकि यह शरीर को अच्छा लगता है लेकिन जो कुछ भी हो रहा है, उसे लेकर मैं पूरी तरह से निराश हूं। जब आप लोगों के बीच में हों, जब आप बच्चों के सामने हों। तो यह स्थिति काफी दुख पहुंचाती है।
 
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ऐसा ही कुछ पंसारी की दुकान पर हुआ और वहां पर आसपास करीब 150 लोग थे जो कि सीधा मुझे देख रहे थे। मैंने सोचा कि घर ही क्यों छोड़ा जबकि ऐसा कुछ होने की संभावना हो सकती है। डेल टूरिवर्स, विस्कॉन्सिन में रहते हैं। उनके दो बेटे क्रिश्चियन (12) और टायटन (11) के हैं और पत्नी एप्रिल 33 वर्ष की हैं। एप्रिल जहां तक संभव हो, डेल की मदद करती है। वे इस स्थिति का मुकाबला करने में खुद को असमर्थ पाती हैं।
 
उनका कहना है कि हम अब वास्तव में संघर्ष करते हैं। वह परिवार के लिए काम नहीं कर पाता है और मैं अनुभव करती हूं कि सारा बोझ मुझ पर है। यह बहुत दुखद है कि हम वे सारी बातें नहीं कर पाते हैं जो कि एक पति-पत्नी को करनी चाहिए। इसके साथ ही, हम उन बातों को लेकर झगड़ते हैं जो कि नहीं होनी चाहिए। एप्रिल भावुक होकर कहती हैं कि चूंकि उनको रात में उन्माद की स्थिति होती है इसलिए हमने अलग-अलग बिस्तरों पर सोने का फैसला किया है।            
 
यह बड़ी ही दुखद स्थिति है क्योंकि आप ऐसी स्थिति में दूसरे व्यक्ति से सांत्वना की उम्मीद करते हैं, लेकिन ऐसा हो नहीं पाता है। मैं पुराने डेल को मिस करती हूं और मैं उम्मीद करती हूं कि एक दिन वह मेरे पास लौट आएगा। संभव है कि एक दिन डॉक्टरों को उसका इलाज मिल जाएगा और वह ठीक हो जाएगा। इस स्थिति के चलते उसके बच्चों के साथ संबंध भी प्रभावित हो रहे हैं, जबकि वे नहीं जानते हैं कि यह क्या हो रहा है। वे अपनी पत्नी के साथ यौन संबंध भी स्थापित नहीं कर पाते हैं क्योंकि वे चाहकर भी पत्नी को संतुष्ट कर पाने की स्थिति में नहीं होते हैं। 
 

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