आयुर्वेद के मुताबिक देर रात को सहवास निषिद्ध है, शरीर के प्राकृतिक प्रक्रिया के अनुसार देर रात में सेक्स करना वर्जित है क्योंकि इस समय शरीर को विश्राम की आवश्यकता होती है। आयुर्वेद में सेक्स करने का सही समय सुबह सूर्योदय के बाद लेकिन सुबह 10 बजे से पहले माना गया है।
आयुर्वेद में माना जाता है कि हमारा शरीर 7 मौलिक धातुओं से मिलकर बना है। इनमें से रस धातु रक्त का सफेद भाग होता है और शुक्र धातु वीर्य तरल पदार्थ है। इसे बनाने में शरीर को काफी ऊर्जा की जरूरत होती है। शुक्र धातु रस का संशोधित रूप है। रस के और ज्यादा गाढ़े रूप से ओजस बनता है। ओजस नए जीवन का आधार है और नई रचना करने में सक्षम है। परंतु इसकी अधिकता भी स्वास्थ्य के लिए ठीक नहीं मानी जा सकती है।