रत्न विज्ञान

वैसे तो प्राचीन ग्रन्थों के अनुसार उच्च कोटि में आने वाले रत्न 84 प्रकार के हैं। इनमें से बहुत से रत...
रत्न प्रकृति प्रदत्त एक मूल्यवान निधि है। मनुष्य अनादिकाल से ही रत्नों की तरफ आकर्षित रहा है, वर्तमा...
हीरा, मोती, माणिक्य, पन्ना, नीलम, पुखराज, मूँगा (प्रवाल), गोमेद, वैदूर्य, सुलेमानी पत्थर, वैक्रा
रत्न भी पत्थर ही होते हैं। अतः रत्न पुरानी व कठोर पत्थरों की चट्टानों में प्राप्त होते हैं। इसी कारण...
मनुष्य विकसित होने के साथ-साथ रत्नों की तरफ भी अधिक आकर्षित हो गया है। अतः रत्नों को विभाजित करते सम...
ऋग्वेद के प्रथम श्लोक में ही जो रत्न धात्तमम्‌ शब्द आया है। उसका अर्थ आधिभौतिक के अनुसार अग्नि रत्नो...