सरस्वती साधना एवं बुद्धि शक्ति में उपयोगी

हेतु- सरस्वती साधना एवं बुद्धि शक्ति में उपयोगी है।

अल्पश्रुतं श्रुतवतां परिहास-धाम त्वद्भक्तिरेव-मुखरीकुरुते बलान्माम्‌ ।
यत्‌ कोकिलः किल मधौ मधुरं विरौति तच्चाम्र चारु कलिकानि करैकहेतु ॥ (6)

मैं हूँ निरा अबोध... अज्ञानी... फिर भी आपकी भक्ति की शक्ति जबरदस्ती मेरे स्वर को मुखरित कर रही है। आपकी स्तवना करने के लिए! फिर चाहे क्यों न मैं सुज्ञजनों के लिए हास्यास्पद बनूँ! अंबुआ की डाली पर कली खिली कि वह खामोश बैठी कोयल भी क्या कुहूक-कुहूक का शोर नहीं मचा देती?

ऋद्धि- ॐ ह्रीं अर्हं णमो कुठ्ठबुद्धीणं ।

मंत्र- ॐ ह्रीं श्राँ श्रीं श्रूँ श्रः हं सं यः यः ठः ठः सरस्वति भगवति विद्याप्रसादं कुरु कुरु स्वाहा ।

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