गुम हुई चीज या व्यक्ति वापस पाने हेतु

हेतु- गुम हुई चीज या व्यक्ति वापस मिलता है।

दृष्ट्वा भवन्तमनिमेषविलोकनीयं नान्यत्र तोषमुपयाति जनस्य चक्षुः ।
पीत्वा पयः शशिकरद्युति-दुग्ध-सिन्धोः क्षारं जलं जलनिधेरसितुं क इच्छेत्‌ ॥ (11)

मेरे नाथ! नैन भरकर आपको निहारने के पश्चात अब और कहीं भी इन आँखों की प्यास नहीं बुझती! शरद की चाँदनी से क्षीर समुद्र के नीर आकंठ पीने के बाद कौन फिर उस समुद्र के खारे पानी को छूएगा भी?

ऋद्धि- ॐ ह्रीं अर्हं णमो पत्तेयबुद्धीणं ।

मंत्र- ॐ ह्रीं श्रीं क्लीं श्राँ श्रीं कुमतिनिवारिण्यै महामायायै नमः स्वाहा ।

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