सभी तरह के भय टालने, शत्रु को वश में करने हेतु

हेतु- सभी तरह के भय टलते हैं... शत्रु वश में होता है।

वल्लगत्तुरंग-गज-गर्जित-भीमनादमाजौ बलं बलवतामपि भूपतीनाम्‌ ।
उद्यद्दिवाकर-मयूख-शिखापविद्धं त्वत्कीर्तनात्‌ तम इवाशु भिदामुपैति ॥ (42)

हिनहिनाते घोड़े... और चिंघाड़ते हाथियों के टोलों से युक्त राजाओं के अपार सैन्य के सामने केवल आपका नाम लेने से ही वे सब ऐसे तितर-बितर हो जाते हैं, जैसे अँधेरे के काफिले को सूरज की नजर लग जाए!

ऋद्धि- ॐ ह्रीं अर्हं णमो सप्पिसवीणं ।

मंत्र- ॐ नमो नमिऊण विषहर विषप्रणाशन-रोग शोक दोष-ग्रह कप्प द्रुमच्च जायई सुहनाम गहन सकल सुहदे ॐ नमः स्वाहा ।

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