समुद्र का भय दूर करने हेतु

हेतु- समुद्र का भय दूर होता है।

अम्भोनिधौ क्षुभित-भीषण-नक्र-चक्र- पाठीन-पीठ-भय दोल्वणवाडवाग्नौ ।
रंगत्तरंग शिखर-स्थित-यान पात्रा- स्त्रासं विहाय भवतः स्मरणाद् व्रजन्ति ॥ (44)

सागर में जलचर घुड़कते हों... बड़वानल मुँह बौराये हुए सामने धँस रहा हो... भयंकर तूफानी लहरें जहाज को ऊँचे-ऊँचे उछाल रही हों... भँवर में घिरकर नाव डूबने लगी हो... पर ऐसे में यदि आपके सुमिरन का सहारा लिया जाए तो सभी भय टल जाते हैं।

ऋद्धि- ॐ ह्रीं अर्हं णमो अमीआसवीणं ।

मंत्र- ॐ नमो रावणाय विभीषणाय कुम्भकर्णाय लंकाधिपतये महाबल पराक्रमाय मनश्चिंतितं कुरु कुरु स्वाहा।

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