ज्योतिषी, वास्तुशास्त्री, तांत्रिक जो कारण बतलाते हैं, उन्हें निर्मूल करने के लिए जो प्रयास किए जाते हैं, उनका लाभ कभी कम तथा कभी पूर्ण रूप से प्राप्त होता है। जीवन में आ रही यह परेशानियों का एक कारण पितृ दोष भी होता है। पितृ दोष क्यों, कैसे तथा कब होता है, आइए जानते हैं।
(4) वृक्ष, फल लदे, पीपल, वट इत्यादि कटवाना।
(5) नाग की हत्या करना, कराना या उसकी मृत्यु का कारण बनना।
(6) गौहत्या या गौ का अपमान करना।
(7) नदी, कूप, तड़ाग या पवित्र स्थान पर मल-मूत्र विसर्जन।
(8) कुल देवता, देवी, इत्यादि की विस्मृति या अपमान।
(9) पवित्र स्थल पर गलत कार्य करना।
(10) पूर्णिमा, अमावस्या या पवित्र तिथि को संभोग करना।
(11) पूज्य स्त्री के साथ संबंध बनाना।