इस दिन मंदिरों और अन्य धार्मिक संस्थानों के अलावा गली-मोहल्लों और घरों में बेहे बेसन की कढ़ी, चावल और पत्तेदार सब्जियों का भोजन बनाकर सर्वप्रथम गोवर्धन भगवान को भोग लगाया जाता है और उसके पश्चात भंडारा किया जाता है। चलिए जानते हैं गोवर्धन पूजा कब और किस शुभ मुहूर्त में की जानी फलदायक साबित होगी।
गोवर्धन पूजा / अन्न कूट की तिथि
दिवाली के बाद गोवर्धन पूजा का त्योहार 15 नवंबर को मनाया जाएगा। मान्यता है कि इस तिथि पर भगवान कृष्ण ने इंद्रदेव के घमंड का नाश किया था।