Shiv Tandav Stotra Patha : रावण ने अपने आराध्य शिव की स्तुति में शिव तांडव स्तोत्र की रचना की थी। इस स्त्रोत को विधिवत रूप से पढ़ना चाहिए तो ही इसका लाभ मिलता है। यदि आप इस स्त्रोत का विधिवत रूप से पाठ नहीं कर पाते हैं तो यह अच्छा नहीं माना जाता है। आओ जानते हैं कि शिव ताण्डव स्त्रोत का पाठ कब और कैसे करना चाहिए।
शिवतांडव स्तोत्र की विधि | shiv tandav stotram vidhi:
- इसका पाठ प्रातः काल या प्रदोष काल में करना चाहिए।
- सफेद कुर्ता और धोति पहनकर कुश के आसन पर बैठकर ही इसका पाठ करें।
- यह पाठ उच्च स्वर और शुद्ध उच्चारण में भी कर सकते हैं।