ओंकारेश्वर बाबा की शाही सवारी....

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एक तरफ कावड़ियों के जयकारे, दूसरी तरफ गुलाल उड़ाती युवाओं की मंडली। पूरा दृश्य बेहद मनोहारी और भव्य होता है। ओंकार महाराज की पंचमुखी रजत प्रतिमा को फूलों से सुसज्जित पालकी में बैठाकर कोटितीर्थ घाट लाया जाता है। नगर भ्रमण के बाद दोनों की सवारियों को पूरे लाव-लश्कर के साथ नौका विहार कराया जाता है। इस दौरान पूरा वातावरण शिवमय हो जाता है

कैसे जाएँ-

हवाई मार्ग- यहाँ से लगभग 77 किलोमीटर दूर इंदौर एअरपोर्ट है। यह एअरपोर्ट दिल्ली, मुंबई और भोपाल से सीधा जुड़ा हुआ है।

रेल मार्ग- यहाँ से 12 किलोमीटर दूर खंडवा-रतलाम जंक्शन है। पश्चिमी रेलवे का मुख्यालय होने के कारण यहाँ से रेल यातायात सर्वसुलभ है।

सड़क मार्गः- ओंकारेश्वर मध्यप्रदेश के इंदौर, उज्जैन, खंडवा आदि शहरों से जुड़ा हुआ है। इन शहरों से होकर आगरा-मुंबई मार्ग निकलता है। इस तरह यहाँ सड़क मार्ग भी सुलभ है। यहाँ नियमित बस सेवा उपलब्ध है।

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