कलियुग में सोम नाम का शुद्र हुआ मरने पर वह मरूदेश में पिशाच हुआ। एक समय उसे मार्ग से एक हर विद्या का जानकार ब्राह्मण मिला। उसे देखकर पिशाच खाने के लिए दौड़ा। ब्राह्मण की गाड़ी के पहिये की घड़घड़ाहट सुन वह पिशाच घबरा गया तब ब्राह्मण ने कहा तुम्हें डरने की जरूरत नहीं है। पिशाच ने यह जानकर कि ब्राह्मण विद्वान और ज्ञाता है उससे पूछा कि पिशाच योनि किस कर्म करने से मिलती है और कौन से पुण्य से मुक्ति होती है।
तब ब्राह्मण ने बताया द्रव्य हरण करने और देवता के द्रव्य को चुराने वाला पिशाच्य योनी को प्राप्त होता है। ब्राह्मण के कटु वचनों को सुनकर पिशाच ने मुक्ति का मार्ग पूछा। तब ब्राहम्ण ने कहा तीर्थ नगरी अवंतिका में पिशाचत्व को नाश करने वाले महादेव हैं श्री पिशाचमुक्तेश्वर महादेव उसके दर्शन से तुम्हें पिशाच योनि से छुटकारा मिलेगा।