आनंद सागर: मुख्य मंदिर से करीब 2 किलोमीटर स्थित है आनंद सागर। यह भी गजानन महाराज ट्रस्ट का ही उद्यान, आध्यात्मिक स्थल व ध्यान केंद्र है। 325 एकड़ के क्षेत्र में बसे आनंद सागर सुंदर, सुसज्जित, प्राकृतिक स्थल से परिपूर्ण है जिसमें करीब 50,000 अलग-अलग प्रकार के वृक्ष, विभिन्न प्रकार के फूल और हजारों लताएँ हैं। इसमें 50 एकड़ क्षेत्र में एक विशाल तालाब बनाया गया है, जो पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र है। तालाब के मध्य में टापू नुमा स्थान पर ध्यान केंद्र बनाया गया है, जो विवेक आनंद केंद्र (कन्याकुमारी) का प्रतिरूप है।
बच्चों के खेलने के लिए झूले, फिसलपट्टियां और रेलगाड़ी है जो कि संपूर्ण क्षेत्र का भ्रमण कराती है। इसके अलावा म्यूजिकल फाउंटेन, फिश म्युजियम और बहुत से छोटे-बड़े मंदिर हैं जो लोगों को आकर्षित करते हैं। संपूर्ण क्षेत्र का भ्रमण करने के लिए 3 से 4 घंटे का समय लगता है। ध्यान केंद्र तक जाने के लिए पैदल रास्ते के अलावा वॉटर बोट की व्यवस्था भी है। कुल मिलाकर यह एक बहुत ही सुंदर, रमणिक व आध्यात्मिक स्थान है।
इस क्षेत्र की प्रमुखता है, इसका रखरखाव जो देखते ही बनता है। हर 10 कदम पर गजानन महाराज ट्रस्ट का एक सेवक उद्यान की स्वच्छता का ध्यान रखने हेतु उपस्थित रहता है। उद्यान में पीने के स्वच्छ पानी की नि:शुल्क व अल्पाहार, भोजन आदि की उचित व्यवस्था शुल्क पर है।
नंदुरा के हनुमान और लोणार झील : इसके अलवा शेगाँव से 50 किलोमीटर के क्षेत्र में स्थित है नंदुरा के हनुमान की प्रतिमा जो कि करीब 100 फुट ऊँची है। नंदुरा शेगाँव से जलगाँव की ओर जाते समय खामगाँव से कुछ किलोमीटर आगे आता है। मूर्ति दर्शन हेतु गाँव में अंदर जाने की आवश्यकता नहीं है। हाईवे पर ही सड़क के किनारे मूर्ति स्थापित है। शेगांव के पास ही चिखली है जहां से लोणार झील का एक रास्ता जाता है। यह विशालकाय झील किसी उल्कापिंड के गिरने से बनी थी।
रेल मार्ग : शेगांव में रेल्वे स्टेशन है। मध्य रेल्वे का यह रेल्वे स्टेशन मुंबई-कोलकाता रेल मार्ग से जुड़ा हुआ है। महाराष्ट्र एक्सप्रेस, विधर्व एक्सप्रेस, नवजीवन एक्सप्रेस और हावड़ा-अहमदाबाद एक्सप्रेस कुछ खास ट्रेनें हैं जो शेगांव से होकर गुजरती है।