हालांकि चन्द्रा के पिता की नजर में यह पूंछ एक अभिशाप थी। चन्द्रा के पिता ने इसी कारण उसकी पूंछ काटने की ठानी। लेकिन जैसे ही डॉक्टर ने उसकी पूंछ को छूआ तो चन्द्रा बीमार हो गया, तब से आज तक चन्द्रा अपनी पूंछ को किसी को भी छूने नहीं देता। अब यह भी प्रचलित हो गया है कि चन्द्रा की पूंछ से कोई भी छेड़छाड़ करने से वह भी बुरी तरह बीमार हो जाता है और जो चन्द्रा का आशीर्वाद लेता है वह रोगों से दूर हो जाता है। चन्द्रा चावलों के चंद दानों से अब लोगों का इलाज करता है।